बिहारराजनीतिक- गलियारा

बिहार चुनाव – कोरोना, बाढ़ ,गरीबी और बेरोजगारी चरम पर , चुनाव कांटे का-सैयद शारिक अतहर

बिहार का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प - न चुनावी रैली होगी न भाषणबाजी बस टी वी और मोबाईल से चुनाव प्रचार होगा

एक पत्रकार , शायर लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में उभर रहे सैयद शारिक अतहर इन दिनों बिहार चुनाव में अपनी आँखें गड़ाए हुए अपनी टीम के साथ जमे हैं। उनका कहना है कि इस बार का बिहार का चुनाव बड़ा ही दिलचस्प है। एक तरफ बिहार कोरोना की मार झेल रहा है तो दूसरी ओर बाढ़ की चपेट में , गरीबी और बेरोजगारी चरम पर है ऐसे में चुनाव बड़ा कांटे का होगा। न चुनावी रैली होगी न भाषणबाजी बस टी वी और मोबाईल से चुनाव प्रचार होगा और यही चुनावी प्रबंधन वे करने जा रहे हैं। हमारे संवाददाता राकेश मोहन ने सैयद शारिक अतहर  से डिजिटल चुनावी प्रबंधन पर उनसे बात की……!

चुनावी प्रबंधन को आप किस नजरिये से देखतें है ?
चुनावी प्रबंधन प्रत्यासी के जीतने के प्रतिशत की संम्भावना बढा देती है चुनाव में मैनेजमेन्ट महंत्वपूर्ण पाठ है। चुनाव अब कारपोरेट की तरह होगा इसलिए मैं चाहता हूँ कि हर काॅलेज मे चुनाव प्रबंधन का कोर्स हो यह युवाओं के लिए चुवान प्रबंधन क्षेत्र एक बेहतरीन कैरियर भी है

अगर कोई अपराधी प्रवृती का व्यक्ति आप से चुनावी प्रबंधन की बात करता है तो क्या आप उसकी भी मदद करना चाहेगें ?
देखिये कौन अपराधी है कौन नहीं यह तय करना कानून का काम है इसे न आप तय कर सकतें हैं न हम। जब चुनाव आयोग आरोपित व्यक्ति को अगर चुनाव लडने कि इजाजत देता है जो की एक संवैधानिक संस्था है तो मैं कौन होता हूँ किसी को अपराधी मानने वाला, लेकिन फिर भी इस तरह के अपराधी प्रवृति के लोगो को व्यक्तिगत तौर पर न मैं पसंद करता हूँ नही करना चाहता हूॅ।

आप मुबंई के विधान सभा एंव निगम को चुनाव में अपनी प्रबंधन क्षमता दिखाई है उस में आप को किस हद तक सफलता मिली और किस तरह की समस्ययों का सामना करना पडा ?
जहा तक मुबंई का प्रश्न है वहां हमारी शानदार सफलता रही है जीत का अनुपात 80 प्रतिशत रहा है अब बात रही समस्या कि तो समस्या न हो तो मजा नही आता है। और हर जगह के चुनाव अलग और समस्या अलग होती है। ग्रामीण इलाकों के लोगो को पोलिंग बूथ तक लाना वोटिंग के लिए उनको जागरूक करना थोडा चुनौती भरा काम होता है मुबंई में ज्यादतर मुददों पर आधारित चुनाव लडना होता है जबकि सोशल इंन्जीनियरिग तो हर जगह काउट करती है ।

अब बिहार के मूल निवासी है वहां पर यहाँ की तरह चुनावी प्रबंधन संभव है ?
यह अच्छा सवाल है कि मै बिहार का धरती का पुत्र हॅू मुझे गर्व है बिहारी होने पर जहाँ तक इस चुनाव का सवाल है इस बार का चुनाव ऐतिहासिक चुनाव है यथा शीघ्र चुनाव प्रबंधन थोडा मुस्किल तो है लेकिन असंम्भव नहीं ये संम्भव करके दिखाया जा सकता है

क्या आप बिहार चुनाव मे अपनी प्रबंधन क्षमता को आजमायेगे ?
बिल्कुल आजमायेगे अभी संपर्कों का दौर जारी है ।

क्या बिहार चुनाव में आप की प्रबंधन टीम सक्रिय है?
जी बिल्कुल हमारी टीम पूरी तरह सक्रिय है।

 

आप पार्टी स्तर पर चुनाव प्रबंधन देखना चाहते हैं या व्यक्तिगत तौर पर ?
खिलाडी को हर बॉल खेलना होता है वो आउट सिविंग हो या इन सिविंग सब के लिए तैयार रहना पडता है हम पार्टी स्तर और व्यक्तिगत तौर पर दोनों ही स्थितियों में तैयार हैं।

बिहार में कोरोना और बाढ दोनो का कहर जारी है ऐसे में आप की चुनावी प्रबंधन टीम कैसे काम करेगी ?
देखिये जो कोरोना की गाइड लाईन है जो नियम कायदे हैं उसी के तहत काम करना होगा जहा तक हमारी टीम का सवाल है हमारी टीम किसी भी पार्टी के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करेगी और यही हमारा अहम हथियार होगा खास तौर से मोबाईल अहम रोल प्ले करेगा।

क्या आप की चुनावी सफलता का राज और रणनीतिकार बनने में पत्रकार होने का फायदा मिला है?
जी हाँ कह सकते हैं और पत्रकार होने का फायदा केवल यह है कि आप राजनीती के गुण सीख जाते हैं लेकिन पत्रकारिता करना और रणनीतिकार बनने में जमीन आसमान का फर्क है लेकिन मैं आज जो भी हुॅ वो पत्रकार होने के कारण से हॅू

आप चुनावी रणनीतिकार की हैसियत से किसे अपना आर्दश मानतें है?
एक रणनीतिकार के तौर पर मैं अमित शाह जी को आपना आदर्श मानता हॅू

बिहार से इतना राजनितिक टैलैंट कहाँ से आता है ?
हमारे बिहार में राजनीती कलचर है और असल में आचार्य चाणक्य के वारिस तो (हसतें हुए) बिहारी ही हैं ।

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