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डोनाल्ड ट्रंप को हराकर बाइडन बने अमेरिका के राष्ट्रपति, भारतीय मूल की कमला हैरिस बनी उप राष्ट्रपति
बाइडेन ने ट्रम्प के लिए कहा था- हम विरोधी हो सकते हैं, दुश्मन नहीं।

एजेंसी
न्यूयॉर्क
डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। उन्होंने काँटे की टक्कर में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व मौजूदा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को हराया है। वह अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। पिछले चार दिनों से चल रही वोटों की गिनती के बाद बाइडन ने पेनसिलवेनिया राज्य का चुनाव जीत लिया है, उनके खाते में उस राज्य के सभी 20 इलेक्टोरल वोट आ गए। इसके साथ ही बाइडन को 273 इलेक्टोरल वोट हासिल हो गए। किसी भी उम्मीदवार को यह चुनाव जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की जरूरत होती है।
इसके साथ ही कमला हैरिस अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला बन जाएंगी। इसके अलावा अमेरिका के उप राष्ट्रपति पद पर पहुँचने वाली वह पहली भारतीय हैं। तमिल मूल की कमला की मां चेन्नई से थीं, जबकि उनके पिता जमैका के हैं। कमला के पिता अश्वेत थे, इस लिहाज से वह अमेरिका की पहली अश्वेत उप राष्ट्रपति भी होंगी।
फिलहाल वे प्रेसिडेंट इलेक्ट है, 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद वे 46वें राष्ट्रपति बन जाएंगे। चुनाव में जीतने के बाद शनिवार रात (भारतीय समय के मुताबिक रविवार सुबह) उन्होंने लोगों को संबोधित किया। इसमें उन्होंने आपसी कड़वाहट खत्म करने, देश को एकजुट और सबका राष्ट्रपति जैसी बातों पर बल दिया। भाषण देने के बाइडेन मंच तक दौड़ते हुए आए। चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन पर उम्रदराज होने के आरोप लगाए थे।
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पत्नी और परिवार का शुक्रिया
बाइडेन 48 साल पहले पहली बार सीनेटर चुने गए थे। देश के नाम संबोधन में उन्होंने कहा- आप लोगों ने स्पष्ट जनादेश दिया है। 7.4 करोड़ लोगों ने रिकार्ड वोट दिया। अमेरिका की यह नैतिक जीत है। मार्टिन लूथर किंग ने भी यही कहा था। गौर से सुनिए। आज अमेरिका बोल रहा है। मैं राष्ट्रपति के तौर पर इस देश को बांटने के बजाए एकजुट करूंगा। परिवार और पत्नी का इस संघर्ष में साथ देने के लिए शुक्रिया।
बाइडेन ने ट्रम्प के लिए कहा था- हम विरोधी हो सकते हैं, दुश्मन नहीं। बाइडेन 2009 से 2017 तक बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे थे।
नफरत खत्म कीजिए, आगे बढ़िए
ट्रम्प और उनके समर्थकों से बाइडेन ने कहा- मैं जानता हूं कि जिन लोगों ने ट्रम्प को वोट दिया है, वे आज निराश होंगे। मैं भी कई बार हारा हूं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है कि इसमें सबको मौका मिलता है। चलिए, नफरत खत्म कीजिए। एक-दूसरे की बात सुनिए और आगे बढ़िए। विरोधियों को दुश्मन समझना बंद कीजिए, क्योंकि हम सब अमेरिकी हैं। बाइबल हमें सिखाती है कि हर चीज का एक वक्त होता है। अब जख्मों का भरने का वक्त है। सबसे पहले कोविड-19 को कंट्रोल करना होगा, फिर इकोनामी और देश को रास्ते पर लाना होगा।
हर वर्ग का साथ मिला
बाइडेन ने अमेरिका की अनेकता में एकता का जिक्र किया। कहा- मुझे गर्व है कि हमने दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में विविधता देखी। उसके बल पर जीते। सबको साथ लाए। डेमोक्रेट्स, रिपब्लिकंस, निर्दलीय, प्रोग्रेसिव, रूढ़िवादी, युवा, बुजुर्ग, ग्रामीण, शहरी, समलैंगिक, ट्रांसजेंडर, लैटिन, श्वेत, अश्वेत और एशियन। हमें सभी का समर्थन मिला। कैम्पेन बहुत मुश्किल रहा। कई बार निचले स्तर पर भी गया। अफ्रीकी-अमेरिकी कम्युनिटी हमारे साथ खड़ी रही।
बाइडेन जब 27 के थे तो अपनी होने वाली सास से कहा था- एक दिन राष्ट्रपति बनूंगा
बाइडेन ने पहली शादी 1966 में की थी। वे 24 साल के थे। लड़की की मां ने पूछा कि काम क्या करते हो? बाइडेन ने जवाब दिया- एक दिन अमेरिका का राष्ट्रपति बनूंगा। बाइडेन 32 साल में तीसरे प्रयास में राष्ट्रपति का चुनाव जीते हैं।
कमला हैरिस ने भी संबोधित किया
डेमोक्रेसी के लिए बलिदान देने पड़ते हैं
पहली वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट कमला हैरिस ने कहा- डेमोक्रेसी की कोई गारंटी नहीं होती। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे बनाए रखने के लिए कितनी मेहनत कर रहे हैं। इसके लिए इच्छाशक्ति चाहिए। इसलिए इसे हल्के में मत लीजिए। इसके लिए बलिदान देना पड़ता है। इसके बाद ही खुशी मिलती है। हम भी यही कर रहे हैं। इस बार के मतदान में लोकतंत्र भी दांव पर था। आपने अमेरिका को एक नई सुबह दिखाई है। चार साल तक आप बराबरी और इंसाफ के लिए जंग करते रहे। इसके बाद मतदान का मौका आया।
हमारे पास हिम्मत और जज्बा है
हम सबने मिलकर इस देश को खूबसूरत बनाया। अब आपकी आवाज सुनी जाएगी। मैं बिल्कुल मानती हूं कि इस वक्त कई चुनौतियां हमारे सामने हैं। खासतौर पर पिछले कुछ महीने मुश्किल भरे रहे। हमने काफी दुख और दर्द झेला, लेकिन हमारे पास हिम्मत और जज्बा है। आपने जो बाइडेन और मुझे चुना। कमला अमेरिका की पहली अश्वेत महिला उपराष्ट्रपति हैं। वे भारतीय मूल की हैं।
कमला गरीबों की मसीहा के तौर पर जानी जाती हैं, स्टार छवि से मैगजीन में छाई रहती हैं l कमला हैरिस लिंगभेद-नस्लभेद की चुनौतियों का मुकाबला करने के बाद यहां तक पहुंची है। सैनफ्रांसिस्को जिले की अटार्नी कैलिफोर्निया की पहली अश्वेत अटाॅर्नी जनरल रही हैं। कमला डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर बाइडेन की कड़ी प्रतिद्वंद्वी रही हैं। हालांकि, अब उनकी सहयोगी हैं। कमला ने 2011 में बैंकिंग सेक्टर में आए क्रैश के कारण बेघर हुए लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए मुहिम चलाई थी। इसके बाद वे राष्ट्रीय चेहरा बन गईं।
भारत के लिए बाइडेन की जीत के मायने
बाइडेन ने 2006 में कहा था, ‘मेरा सपना है कि 2020 तक सबसे नजदीकी संबंध वाले दुनिया के दो देशों में अमेरिका और भारत का नाम हो। बाइडेन के उपराष्ट्रपति रहते हुए अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का आधिकारिक तौर पर समर्थन किया था। हालांकि, पाकिस्तान और चीन को लेकर बाइडेन का रुख एकदम साफ नहीं है। उनके प्रचार दस्तावेज में कहा गया है, ‘दक्षिण एशिया में किसी तरह का आतंक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। चाहे सीमापार से हो, या कैसा भी।’ कमला कश्मीर पर खुलकर बोलती रही हैं। इसलिए आशंका है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के मुद्दे पर उनका रुख भारत के नजरिए से ठीक न हो।