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दिल्ली में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने की इजाजत
26 जनवरी को किसान इस देश में पहली बार “किसान गणतंत्र परेड“ करेंगे

चौथा अक्षर संवाददाता
नई दिल्ली
आज रविवार 24 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने आखिरकार दिल्ली में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने की इजाजत दे दी है। दिल्ली पुलिस ने इजाजत देते हुए आंदोलनकारियों को 4 रूट दिए हैं, जहां से वे अपना मार्च निकाल सकेंगे। मीडिया को यह जानकारी पुलिस अधिकारियों से औपचारिक मुलाकात के बाद स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दी।
योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने प्रस्तावित 26 जनवरी को प्रस्तावित किसान मार्च के लिए चार रूट हमें हम आंदोलनकारियों को मुहैया कराया है। किसान गाजीपुरए चिल्लाए सिंघू और टिकरी बॉर्डर से टैक्टर मार्च निकाल सकेंगे। आंदोलनकारी किसानों ने इस मार्च का नाम ’किसान गणतंत्र परेड’ नाम रखा है, जिसे शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली के बाहरी सड़कों से होते हुए पूरा होना है।
Route Plan For Tractor Parade On 26 Jan 2021 #BharatKaregaDelhiKooch #tractorParade #TractorMarch pic.twitter.com/IQDb1CRZ36
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 24, 2021
इस गणतंत्र दिवस "गण" तंत्र से ऊपर होगा।
26 जनवरी को किसान इस देश में पहली बार "किसान गणतंत्र परेड" करेंगे। दिल्ली पुलिस के साथ पांच दौर की वार्ता के बाद तय हुआ है कि दिल्ली के सारे बैरिकेड खुलेंगे, किसान दिल्ली के अंदर जाएंगे और मार्च करेंगे।
#FarmersProtest | #KisanAndolan pic.twitter.com/iJLOhEKPbn
— Swaraj India (@_SwarajIndia) January 24, 2021
दिल्ली पुलिस की तरफ से आधिकारिक रूप से 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाज़त मिल गई है। जितने भी साथी अपनी ट्रोलियां लेकर बैठें है। मैं उनसे अपील करता हूं कि सिर्फ ट्रैक्टर दिल्ली के अंदर लेकर आएं, ट्रोलियां न लेकर आएं: योगेंद्र यादव, दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग के बाद pic.twitter.com/oyMlfw38N9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2021
गौरतलब है कि सरकार से किसान आंदोलनकारियों की 12 दौर की वार्ता हो चुकी है। सरकार ने आखिरी दौर की यानी 12वीं वार्ता में प्रस्ताव दिया था कि डेढ़ साल के लिए तीनों किसान विधेयक स्थगित कर दिए जाएगा, लेकिन किसान आंदोलनकारी प्रतिनिधियों का दो टूक कहना था कि उनके आंदोलन का मकसद किसान विरोधी तीनों कानूनों को रद्द करना है न कि स्थगन। ऐसे में किसान और सरकार के बीच यह वार्ता भी असफल रही जिसके बाद 26 जनवरी को होने वाला किसानों का मार्च सुनिश्चित हो गया है। ट्रैक्टर मार्च की तैयारी के लिए उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड से किसान दिल्ली बॉर्डर की आने लगे हैं। पंजाब के किसान पिछले 2 महीने से बॉर्डर पर जमे हुए हैं।
ट्रैक्टर रैली को लेकर हम यहां से अक्षरधाम जाएंगे, अक्षरधाम से वापस आएंगे और फिर आनंद विहार होकर निकल जाएंगे। ये 46 किलोमीटर का रूट है। पुलिस हमारे साथ रहेगी: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, गाज़ीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी) से pic.twitter.com/394sHfo7Nf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 24, 2021
किसानों का पहला जत्था पंजाब और हरियाणा होते हुए दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर 26 नवंबर को पहुंच गया था। तब से लेकर अबतक गाजीपुर, सिंघू, टिकरी और चिल्ला बॉर्डर पर किसान लगातार आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं है। दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे आंदोलनकारियों में करीब 250 किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उनमें सरकार से वार्ता करने में 32 संगठनों के प्रतिनिधि जाते हैं, जबकि सिंघू बॉर्डर पर बनी समिति 50 के करीब किसान संगठन शामिल हैं।
Delhi Police will remove barricades on republic day and tractors will be allowed to enter delhi on 26jan for tractor parade #BharatKaregaDelhiKooch pic.twitter.com/IvoSRzSSUF
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 24, 2021
आंदोलनकारियों का सबसे बड़ा हिस्सा पंजाब से आए किसानों और वामपंथी रूझान के किसान आंदोलनकारियों का है। इसीलिए सत्ता प्रायोजित मीडिया और भाजपा के नेता-मंत्री आंदोलनकारियों को नक्सली-खालीस्तानी कहने से नहीं चूकते। बताते चलें कि किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता कानून के खिलाफ आंदोलनरत हैं।